Saturday 31 August 2019

Author Aabid Surti's latest book launched by Director Sriram Raghavan Shridhar Raghavan, Rajshri Deshpande, Gurmeet Chowdhary, Atul Kasbekar and Annie Zaidi at Aabid Surti's Sufi - The Invisible Man Of The Underworld book launch



Mumbai-based National Award Winning author Aabid Surti, who among many other things is also an incisive environmentalist and accomplished artist, is back in full force. The author of many bestselling books, some of which have even courted controversy, has revisited one of his autobiographical tomes titled 'Sufi – The Invisible Man of The Underworld' and updated it to make it more current. Sriram Raghavan, Shridhar Raghavan and Annie Zaidi were present at the launch.

“Sufi,” begins Surti, “is the story of two boys who grew up in the 60s and 70s’ Mumbai’s infamous Dongri area. The first of them, Iqbal Rupani rises through the ranks to crown himself underworld kingpin, on one hand, and becomes extremely pious, on the other hand. While he through his puritan stance becomes well-known as ‘Sufi’, the story catches up with the other boy-turned-man, Aabid Surti, that’s me as well,” avers the master story-teller with a smile.  

The real story of the two boys who start at the same line and then flow so divergently away in life, is one of massive scale and told by one of India’s beloved wordsmiths. “The changes have been made to make the story flow better, and to edit out dated legal information,” Surti informs.

Speaking about Surti, popular filmmaker Sriram Raghavan states, "As I got pulled into the book I wondered if all that he was saying was fiction or could it be real? It actually felt like a fascinating Eastman colour movie that he had mounted."

Well-loved scriptwriter Shridhar Raghavan said that he has known Surti since he was 8 years old. "When I first met him he was the 40 year old creator of Bahadur and I was a fascinated 8 year old, and today the tables have turned. I am a 40 year old while he feels like an energetic 8 year old."

Mentioning that he seared through the book yesterday in a single seating, he exults how Sufi is "a fascinating chronicle of a Bombay of prohibition and gold smuggling, of Haji Mastan growing up and Dawood, still a toddler." 

Noted writer Annie Zaidi says simply that, "I started reading Sufi yesterday and it's completely unputdownable."

Worth a read, wouldn't you agree?

Friday 30 August 2019

Dr Aneel Kashi Murarka, a well-known philanthropist and social-worker, sends flood relief material and life-saving medicines to Kolhapur through his social organisation Ample Missiion for the flood affected people.

ET राइज़िंग इंडियन अनुषा श्रीनिवासन अय्यर को नैशनल अवॉर्ड फॉर एक्सेलेंस 2019 से नवाज़ा‌ गया, भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में अहम योगदान के लिए मिला सम्मान



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इस सरकार के लिए देश के विकास का मतलब महज़ ये नहीं है कि आर्थिक संकेतकों में सुधार दिखायी दे, बल्कि हर तबके के लोगों के आत्मसम्मान में‌ होनेवाली बढ़ोत्तरी भी इस बात का द्योतक है. उन्होंने‌ कहा था,‌ "मेरे लिए राइज़िंग इंडिया का मतलब 125 करोड़ भारतियों के आत्म-सम्मान का बढ़ना है." पूरी दुनिया भारत के बढ़ते क़द को स्वीकार रही है. उल्लेखनीय है कि भारत में आनेवाले राष्ट्रीय प्रमुखों की संख्या पिछले 6 सालों में बढ़कर‌ दोगुनी हो चुकी है.

भारत के 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इकोनॉमिक ‌टाइम्स ने‌ ऐसे कामयाब भारतीयों (एकल और सेट-अप्स) पर एक सारगर्भित लेख छापा, जिन्होंने विश्वभर में भारत के झंडे को गर्व से और ऊंचा फ़हराने में मदद की हो. इस बेहद विशेष सूची में अपने सामाजिक कार्यों के लिए जाने जानेवाली अनुषा श्रीनिवासन अय्यर को ET राइज़िंग इंडियन घोषित किये जाने के अलावा, देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देने के लिए द नैशनल अवॉर्ड फॉर एक्सेलेंस 2019 से भी सम्मानित किया गया. उन्हें जेडब्ल्यू मैरियट,‌ इंदौर में विश्वभर से आये गणमान्य लोगों की उपस्थिति के बीच ये पुरस्कार प्रदान किया गया.


अनुषा श्रीनिवासन अय्यर एक प्रतिष्ठित इमेज और मीडिया रणनीतिकार, ब्रांड कस्टोडियन और भारत के टॉप एंटरटेनमेंट,  लाइफ़स्टाइल पीआर व मीडिया एजेंसी 'नारद पीआर ऐंड इमेज स्ट्रैटिजिस्ट' की सर्वेसर्वा भी हैं. अनुषा की पहचान एक उदार दिल और तेज़-तर्रार पत्रकार के रूप में भी भी रही है. उल्लेखनीय है कि उन्होंने अपने घर में 89 बेसहारा जानवरों को पनाह दी हुई है जिससे उनका घर जानवरों के‌  आश्रय के रूप में तब्दील हो चुका है. एक TEDx स्पीकर के तौर पर अनुषा की काफ़ी डिमांड है, जो बेबाक अंदाज़ में लिंग-भेद और पशुओं के अधिकारों की बात करती हैं. एक लाइफ़ कोच के तौर पर भी सक्रिय अनुषा अंतर्राष्‍ट्रीय स्तर की एक अवॉर्ड विजेता फ़िल्ममेकर भी हैं, जिन्हें अब तक विश्व स्तर के 17 अवॉर्ड्स से नवाज़ा जा चुका है.

मानवाधिकार और विकलांगता की बंदिशें तोड़ने संबंधी उनकी फ़िल्म 'सारे सपने अपने हैं' दुनिया भर के 74 फ़ेस्टिवल्स में‌ दिखायी जा चुकी है. समीक्षकों द्वारा बेहद सराही गयी इस फ़िल्म में बाल कलाकार‌ वेदांत गिल ने अहम भूमिका निभायी है.

ग़ौरतलब है कि इतने बड़े पैमाने पर सम्मानित अनुषा को अब इकोनॉमिक टाइम्स द्वारा ET राइज़िंद इंडियन घोषित किया गया है. इतना ही नहीं,‌ उन्हें वर्ल्ड बुक्स ऑफ़ रेकॉर्ड (लंदन) और ALMA की ओर से नैशनल अवॉर्ड फॉर एक्सेलेंस भी दिया गया है.


Audiologist-Speech Therapist Devangi Dalal’s featured in Mail Today from the India Today Group.
#Audiology #Speech #Therapy #Interview #Feature #MailToday #IndiaToday #Hearing #Impairment #Positive #Attitude

Thursday 29 August 2019

मिलिए मनोरंजन के ज़रिए समाज के उत्थान में यकीं रखनेवाले उद्यमी अजय हरिनाथ सिंह से



जब बात हो सिंह ऐंड सन्स की, तो उद्यमिता और उदारता का अनोखा संगम देखने को मिलता है और हालिमें इनके सर और एक ताज चढा जब कंपनी के युवा  प्रतिभावान वंशज अजय हरिनाथ सिंह को टाइम्स पावर मैन और यंग आइकॉनिक आंत्रप्योनोर अवॉर्ड्स से नवाज़ा गया। 


अजय हरिनाथ सिंह कहते हैं कि, "लम्बे समय तक नेटफ़्लिक्स (अमेरिका) के‌ राजीव, झी५ की रेशमी और ज़ी एंटरटेनमेंट से उनकी कंपनी के बढ़िया संबंध रहे हैं। ऐसे में अब हम चीन, कोरिया, जापान, चेक रिपब्लिक, जॉर्जिया में पैर पसारने के लिए प्रेरित हुए हैं। इसके अलावा, हम भारत और विदेशों में भी फ़िल्मसिटी की स्थापना, डिजिटल डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म के विस्तार की कोशिशों में लगे हुए हैं।"

देश के एक बेहद शक्तिशाली परिवारों में से एक से ताल्लुक होने‌ के बावजूद अजय हरिनाथ सिंह ने विभिन्न कंपनियों में काम किया। भारतीय उद्यमिता के प्रति अपनी भूख को सामने लाते हुए उन्होंने डारविन प्लेटफॉर्म ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ की स्थापना की, जिसमें प्राथमिक रूप से तेल, MiG और एयरक्राफ़्ट सेवा और अन्य हथियारों के बाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। कंपनी ने‌ जल्द ही बैंकिंग, फ़ार्मास्युटिकल्स, फ़ाइनांस, खनन, सूचना प्रौद्योगिकी, हवाई सवाओं स्वास्थ्य संबंधी क्षेत्रों में ख़ुद को स्थापित कर लिया। फ़िलहाल अजय हरिनाथ सिंह डारविन प्लेटफॉर्म समूह के मालिक है और कंपनी पर ९६% मालिकाना हक़ उनका है।

रशियन इंटरनैशनल फ़ैमिली फ़िल्म्स फ़ेस्टिवल  की जूरी के सदस्य, डार्विन प्लेटफॉर्म ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ (DPGC) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हरिनाथ सिंह ने दो न्यूज़ मीडिया में निवेश किया है जबकि वो भारत के टॉप ५ फ़िल्म प्रोडक्शन हाउस में से दो का बड़ा आर्थिक आधार हैं। जिनमें कुल ४३ फ़िल्मों का समावेश हैं। इनमें से तीन फ़िल्में ऐसी रही हैं, जिनका शुमार भारत की तीन सबसे महंगी फ़िल्मों में होता है। वो अब ख़ुद ही मुख्यधारा के व्यवसायिक कंटेट के निर्माण के क्षेत्र में कदम रखने जा रहे हैं, जिससें सिनेमा, टीवी, वेब के लिए कंटेट का निर्माण शामिल है। इसके लिए वे ख़ुद ही एक मीडिया हाउस खोलने‌ जा रहे हैं जिसके प्रमुख हैं DPGC ग्रुप सीओओ डॉ. फ़रहाद विजय अरोड़ा जो फ़िल्म स्टार विजय अरोड़ा और पूर्व मिस इंडिया दिलबर दिबेरा के बेटे भी हैं।

फ़िलहाल उनका प्रोडक्शन हाउस 'द राइज़ ऑफ़ मंगोल' नामक फ़िल्म बनाने जा रहा है, जो अभी निर्माण स्टेज में है। ये तीन हिस्सों में चंगेज़ ख़ान पर बननेवाली बायोपिक है, जिन्हें इतिहास का सबसे बड़ा मुगल बादशाह माना जाता था। इस बहुभाषी फिल्म को हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगू और अन्य भाषाओं में भी रिलीज़ किया जाएगा। इसके अलावा, समानांतर सिनेमा‌ कि श्रेणी में आनेवाली फ़िल्में भी रिलीज़ के लिए तैयार हैं जिनमें तेरा क्या होगा लम्बोदर, अज़ीजन और वॅलेट पार्किंग का शुमार है। कंपनी कंगना राणावत स्टारर धाकड़ के निर्माण को लेकर भी विचार कर रही है जो २०२० में दीवाली के मौके पर रिलीज़ की जाएगी। इसके अलावा तीन और फ़िल्में भी प्री-प्रोडक्शन स्टेज पर हैं जिनके नाम‌ हैं रिक्शा, लेडी लक और एंड-योर-एक्स। डॉ. फ़रहाद विजय अरोड़ा कहते हैं, "उचित तरीके का मनोरंजन लोगों को प्रेरित और उन्हें ख़ुश‌ करने का सही माध्यम है। इससे न सिर्फ़ देश के जनता की भलाई होती है, बल्कि ये देश की प्रगति और मानवता के विकास में अपना अहम योगदान देता है।"

 DPGC ग्रुप के‌‌‌ सीएफ़ओ हरेश महापात्रा का कहना है, "सामाजिक-आर्थिक दृष्टि से हम भारतीय मनोरंजन जगत के होलिस्टिक ग्रोथ की संभावनाएं देख रहे हैं, जिसका विस्तार एक संगठित और सुरक्षित इंडस्ट्री के रूप में किया जाएगा। इससे न सिर्फ़ रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि नई प्रतिभाओं को भी उभरने का मौका‌ मिलेगा। इस तरह से तमाम लोगों का मनोरंजन होगा और उन्हें ख़ुश रखने में सफलता भी मिलेगी, जिसका‌ सकारात्मक परिणाम भारत के जीडीपी‌ पर भी देखने को मिलेगा।"

डारविन प्लेटफॉर्म ग्रुप की सभी १९ कंपनियां सार्वजनिक रूप से लिस्टेड कंपनियां हैं और ये समूह शुरू से ही एक ऋण-विहीन समूह रहा है। इसका कुल टर्नओवर ४१००० करोड़ रुपये है। कंपनी‌ की मौजूदगी हॉलीवुड, बॉलीवुड और रूसी फ़िल्मों में है। उल्लेखनीय है कि डारविन प्लेटफॉर्म मास मीडिया का कुल टर्नओवर २८९ करोड़ रुपये है। कंपनी का मक़सद किफ़ायती दामों पर एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को फ़ायनांस मुहैया कराना है ताक़ि ऐसा कर‌के वो अच्छे कंटेट के निर्माण में  सहयोग प्रदान करना चाहते हैं।

DPGC ग्रुप के सीईओ राहुल गणपुले कहते हैं, "DPGC के‌ आने से‌ सभी सेक्टर‌ में बड़े पैमाने‌ पर बदलाव देखने को मिलेगा। कंपनी‌ के पास बेहद अनुभवी लीगल टीम भी है, जिसके नेतृत्व की कमान है रोहित जैन और गौरव जैन के हाथों में। इस कंपनी‌ में मानद सदस्य के रूप में सुप्रीम कोर्ट के दो सेवानिवृत्त जज बतौर सलाहकार अपनी सेवाएं दे रहे हैं, तो वहीं हाई कोर्ट के तीन जज भी सलाहकार की हैसियत से रखे गयें हैं।" उल्लेखनीय है कि डारविन प्लेटफॉर्म और सरकारी परियोजनाओं से जुड़े सेक्टर की ज़िम्मेदारी मोहम्मद अनवर बावला पर है। डायवर्सिफ़ाइड आईटी व सेल्स टीम‌ की बागडोर दीपक जांगरा, शिव चरण और राकेश विश्वकर्मा के हाथों में है।

ग़ौरतलब है कि हाल ही के दिनों में अजय हरिनाथ सिंह ने कई सामाजिक कार्यों के लिए भी ख़ासा वक्त दिया है, जिसमें देश और विदेश दोनों जगहों पर ऐसे कार्यों को अंजाम देना शामिल है। अजय हरिनाथ सिंह कहते हैं, "इतनी‌ कामयाबी हासिल करने के बाद भी मेरी ख़ुशी इस बात में है कि मैं समाज के उत्थान और उसकी ख़ुशहाली में किसी तरह सहयोग कर सकूं।" समाज कार्य के रूप में ज़रूरतमंदों तक खाना पहुंचाने के लिए 'द अजय हरिनाथ सिंह फ़ाउंडेशन' (AHSF) की स्थापना भारत में की गयी ताक़ि बेसहारा और लाचार लोगों को भूखा न सोना‌ पड़े। इसने अपने‌ फ़ूड किचन्स अब लंदन (यूके) और फ़िलेडेल्फ़िया (अमेरिका) जैसे देशों में भी खोल लिये हैं। इनके ज़रिए ३००० ज़रूरमंद लोगों तक शाकाहारी भोजन पहुंचाया जाता है। इसके अलावा, कॉर्पोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी के तहत डारविन ग्रुप ब्रांच ने‌ विशेष योजना के तहत लातूर (महाराष्ट्र) और भुज (गुजरात) में कम क़ीमत पर अस्पताल बनाने में कामयाबी हासिल की। २५० करोड़ रुपये की निधि इकट्ठा करनेवाले इन अस्पतालों का उद्देश्य कम आयवाले परिवारों को गुणवत्तापूर्ण और कम ख़र्च में हासिल की जानेवाली स्वास्थ्य सेवाएं उपलबद्ध कराना है। 

मनोरंजन जगत में भूचाल लाने वाले बहुमुखी प्रतिभा के धनी अजय हरिनाथ सिंह की कंपनी ने एक लम्बा सफ़र तय किया है। इसने १९३० में क्षेत्रीय बैंकिंग से लेकर खनन व तेल, शिपिंग लॉजिस्टिक व एयरलाइन, खेती, ऊर्जा, जनसंचार माध्यम, फार्मास्युटिकल्स, आईटी, शिक्षा, बैंकिंग और एकीकृत फ़ाइनेंसिंग के क्षेत्र में ख़ासी पहचान हासिल की है और ये कंपनी एक ऋण-विहीन समूह के रूप में उभरी। 

अजय हरिनाथ सिंह दिनों-दिन ऐसी ही तरक़्क़ी करें, यही हमारी शुभकामनाएं हैं!

Wednesday 28 August 2019

प्रख्यात गायक सुदेश भोसले के नये स्टुडिओ 'ग्रॅव्हिटी स्टुडिओ' में हुआ फिल्म 'उलटे' का म्युजिक लाँच। सुदेश भोसले, अभिनेता अरुण बख्शी, आदि ईरानी, मुश्ताक खान, फिरोज ईरानी, निर्माता हेमागिनी पटाडीया, लेखक-निर्देशक मनोज नाथवानी और जीत कुमार के साथ इस घटना की शोभा बढाई।



महान गायक सुदेश भोसले ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट  ग्रॅव्हिटी स्टुडिओ को लॉन्च किया, जिसमें एक लाइव रूम के साथ-साथ एक फीचर-समृद्ध रिकॉर्डिंग स्टूडियो था, इसी दौरान हिंदी फिल्म "उलटे" का संगीत लॉन्च भी हुआ। उलटे फिल्म की कहानी एक आम ग्रामीण व्यक्ती के बारे में है, जिसका नाम फिल्म में है उत्तम राव लक्ष्मण तेंडुलकर जो अपने सुस्थिर चरित्र के लिए हर किसी के मजाक का पात्र बनता है। इस कहानी में एक नया मोड आता है  जब उसे फर्जी मतदाताओं के बारे में पता चलता है और इस गलत काम को उजागर करने का फैसला करता है। इस दौरान वो वो अपने मिशन के लिए जिस मार्ग से गुजरता है और इसके मिशन में आने वाली हर बाधाओं को कैसे पार करता है, यही इस फिल्म कि पुरी कहानी है।

फिल्म के गाने सुदेश भोसले कि आवाज में ग्रॅव्हिटी स्टूडियो में रिकॉर्ड किए गए थे, और यही पर म्यूज़िक लॉन्च किया गया। सुदेश भोसले, निर्माता हेमंगिनी पटाडिया और जीत कुमार, लेखक-निर्देशक मनोज नाथवानी के साथ अभिनेता अरुण बख्शी, आदि ईरानी, मुश्ताक खान,  जीत कुमार, फिरोज ईरानी, फाल्गुनी रजनी, सचिन पाटिल और किरण आचार्य भी इस संगीत लॉन्च में उपस्थित थे।
अच्छी तरह से नियुक्त इस खूबसूरत स्टूडियो में अपने कमरे में सभी उपस्थित लोगों को ने यहाँ एक अविस्मर्णीय समय बिताया।

Tuesday 27 August 2019

Uplifting Society through entertainment, Meet Entrepreneur Ajay Harinath Singh

Entrepreneurship and philanthropy go hand in hand when it comes to the Singh’s & Sons. While being a jury member of the Russian International Family Films festival, In the entertainment sector, Chairman & Managing Director Darwin Platform Group of Companies (DPGC), Ajay Harinath Singh has invested in news media while being the finance backbone to two film production houses from Indias top 5, for 43 films, three of which are Indias most expensive films ever. He has been rightfully bestowed upon the Times Power Men and Young Iconic Entrepreneur Awards, and now he is himself foraying into mainstream commercial content production for cinema, TV, & Web, with his media house headed by DPGC Group COO Dr. Farhad Vijay Arora, also son of film star Vijay Arora & Ex Miss India Dilber Debara.
Of the entire 19 Darwin Platform Group of public listed Companies empire, which is a debt free organisation since inception, and has a asset based turnover of INR 41000Crs, with its presence in Hollywood, Bollywood and Russian films, Darwin Platform Mass Media has a turnover of over INR 289Crs. Providing finance for the entertainment industry at reasonable rates, the company loves to encourage and support good content creation.
Having long associated with Rajiv of Netflix USA, Reshmy of Zee5 & Jay of Zee Entertainment is exciting inspires us to expand our presence to China, Korea, Japan, Czech Republic, Georgia and even setup film cities in India & overseas besides expanding digital distribution platforms for the future says Ajay Harinath Singh. "Our socio economic vision, is to provide a holistic growth to the Indian entertainment industry, and expand it into an organised & secured community, providing employment and fair scope for development of fresh talent, while entertaining and spreading happiness through the masses, hence contributing to the growth of India's GDP" says Haresh Mahapatra DPGC group CFO.

Currently the production house has The Rise of Mangol in post production stages. A mega budget 3 part biopic saga on the life of history's biggest emperor Gengiz Khan. The multilingual film will be released in Hindi, Tamil, English, Telugu and other languages. Along with ready for release parallel cinema peojects like Tera Kya Hoga Lambodar, Azizan and Valet Parking, the company is mulling over the production of the Kangana Ranaut starrer titled Dhaakad, in the pipelines due for release on Diwali 2020 with 3 more films in pre production stages, titled Rickshaw, Lady Luck and en-d-your-ex. "Correct entertainment is the key source of motivation and happines for all, which contributes to the wellbeing of the masses and hence the progress of the nation and humanity as a whole" says Dr. Farhad Vijay Arora.
DPGC will contribute to a paradigm shift in all sectors as it has one of the strongest legal teams headed by Mr.Rohit Jain & Mr.Gaurav Jain. The company has 2 honorary RETD Chief justice of india as advisors and 3 RETD Justice of High court on advisory  Position " says DPGC group CEO Mr. Rahul Ganpule. Darwin platform Govt project Sectors are taken care by Mr Mohammed Anwar Bawla. The diversified  IT & Sales team is headed by Mr. Deepak Jangda , Mr Shiv Charan & Mr Rakesh Vishwakarma.

Aart from creating a storm in the entertainment industry, currently helmed by the multi-faceted Ajay Harinath Singh, has come a long way from their regional banking business from the 1930s to excelling in the fields of mining and oil, shipping logistics and airline, farming, energy, mass media, pharmaceuticals, IT, education, banking and integrated financing, culminating into a debt free conglomerate.
While being considered to be one of the most powerful and influential families in India did not stop Ajay Harinath Singh from working for a number of companies. With a thirst for Indian entrepreneurship, he founded the Darwin Platform Group of Companies , primarily focusing on oil, MiGs, Sukhoi aircrafts and arms & ammunition. The company quickly developed to being a conglomerate specialising in banking, pharmaceuticals, finance, mining, information technology, airline services, and healthcare sectors. He is currently the Chairman of the Darwin Platform Group, owning 96% of the company.
In recent years, Singh has devoted his time to numerous philanthropic endeavours, expanding his charitable activities across oceans! "After being blessed with somuch of success my happines lies in being a medium for society's upliftment and happiness" says Singh. The AHS Food charity was set up in his native India to provide food to homeless and needy and has now opened food kitchens in London (UK) and Philadelphia (US), providing over 3,000 vegetarian meals to the needy! Also, through the Darwin Group branch ‘Corporate Social Responsibility’, he devised a plan and successfully built low-cost hospitals in Latur (Maharashtra) and Bhuj (Gujarat). Raising over Rs. 250 Crore, these hospitals targeted the needs of low-income families in these areas focusing on providing quality and affordable health services. 
सम्राट चटर्जी यांच्या वाढदिवसाच्या मेजवानीत अनंगशा बिस्वास, अनुप्रिया गोयंका, प्रीती सूद, नंदा यादव,
जयदीप अहलावत, निखिल डिसूझा, शदाब हाशमी, अशीम केमसोंन, राजेश रॉय, वैभव राज गुप्ता आणि पितोबाश त्रिपाठी यांसारखे नामवंत कलाकारांनी उपस्थिती दर्शविली. अंधेरी वेस्टच्या प्रख्यात पिंड मसाला येथे ही वाढदिवसाची मेजवानी रंगली होती यावेळी सर्व कलाकार पाहुणे  स्वादिष्ट पदार्थांचा आस्वाद घेताना आणि गाण्याच्या तालावर नाचत आनंदित लुटताना दिसून आले. या संदर्भातील छायाचित्रे पहा!

Monday 26 August 2019

भारतीय हातमाग विणकारांच्या सबलीकरणासाठी मस्सकली चळवळी द्वारे प्रयत्न शबाना आजमी, भाग्यश्री आणि शर्मिला ठाकरे यांचा पाठिंबा



भारतीय हॅन्डलूम उद्योगाला पुनरुज्जीवित करण्यासाठी आणि पैठणी विणण्याची स्त्रियांची कुशल कारागीरी टिकवून ठेवण्यासाठी श्रद्धा सावंत आणि त्यांची संस्था 'मस्सकली' यांनी मुंबईतील प्रदर्शनात ५०० हून अधिक हॅन्डलूम साड्यांचे प्रदर्शन आयोजित केले होते. प्रसंगी अभिनेत्री शबाना आझमी, अभिनेत्री भाग्यश्री, शर्मिला ठाकरे यांच्या समवेत अनेक हॅन्डलूम चाहते उपस्थित होते. तसेच सोशल मीडिया साडी इंफुलेन्सर ममता शर्मा दास उर्फ बोहोबालिका समवेत अन्य ख्यातनाम व्यक्तींनी देखील येथे उपस्थिती दर्शवली. या सर्वांना, विणकार आणि त्यांच्या कुटूंबियांशी मिसळलेले पाहून तेथील वातावरण खरोखरचं आनंददायी झाले होते. ह्या कार्यक्रमास त्यानी मस्सकलीच्या निवडक अश्या साड्या परिधान केल्या तेव्हा त्यांच्या ह्रदयामध्ये विणकामगिरीचे स्थान किती विशेष आहे हे कळते.

श्रद्धा सावंत यांनी त्यांच्या पैठणीतील दोन विणकरांना प्रोत्साहन देत त्यांच्या विणण्याची प्रक्रिया जाणून घेण्याची संधी पाहुण्यांना मिळावी यासाठी संपूर्ण विणण्याचे वातावरण पुन्हा तयार केले होते. पैठणी साड्यां व्यतिरिक्त बनारसी, चंदेरी, खादी-जमदानी, इकत, झरी, कांजीवरम आणि गढवाल यांसारख्या अनेक हैंडलूम  साड्यांचा यात समावेश होता.


आपल्या संस्थेबद्दल बोलताना श्रद्धा सावंत म्हणतात की, "मस्सकली म्हणजे स्वातंत्र्य, शांतता आणि समृद्धीत झेप घेणारा पक्षी - आणि असच काही मी माझ्या विणकर समाजासाठी कलाकारासाठी अपेक्षा करते. त्यांनी ही ह्या पक्ष्याप्रमाणे उंचच उंच झेप घ्यावी." विणकाम करणाऱ्या समाजाची परिस्थिती किती कठीण आहे यावर भर देताना त्या सांगतात की, “विणकलाकर कमालीचे प्रतिभावान आहेत पण परिस्थितीशी झुंझत आहेत,ह्या सर्वांचा खरेदीदारांशी संपर्क तुटक आहे. ह्या कलाकार महिलांच्या कलेस आमच्याकडून चांगला मोबदला मिळण्यास पात्र आहेत आणि जुन्या विणण्याच्या परंपरागत प्रक्रियेस जिवंत ठेवण्यासाठी त्यांना सक्षम ठेवण्यासाठी योग्य ते प्रयत्न झालेच पाहिजे. 'मस्सकली' त्यांनी निवडलेल्या व्यवसायात त्यांना सुखी आयुष्य जगण्यास मदत व्हावी ह्याच प्रयत्नात आहे.”

ही पारंपरिक विणकाम कला लुप्त होण्याआधी या कलेत नवीन आर्थिक लाट निर्माण व्हावी ही इच्छा व्यक्त करीत श्रद्धा सावंत पुढे म्हणतात की, “आपल्या सांस्कृतिक वारशाचे रक्षण करण्यासाठी ग्रामीण रोजगार पुरवण्यासाठी हॅन्डलूम उद्योग एक प्रमुख उद्योग आहे. 'मस्सकली'च्या माध्यमातून मी दंडात्मक स्थितीत असलेल्या परंपराधारकांनाह्या कलाकारांचे पुनरुज्जीवन करण्याचा प्रयत्न करीत आहे, तसेच भारताच्या गौरवशाली सांस्कृतिक वारसाचे प्रतीक असलेल्या विणकाम कलेला पुन्हा एकदा रुळावर परत आणण्याचा प्रयत्न आहे."

श्रद्धा सावंत, पारंपारिक विणलेल्या साड्या व्यतिरिक्त खास डिझायनर साड्या कशा तयार कराव्यात ह्याचे प्रशिक्षण देखील देतात. ह्या बद्दल सांगताना त्या हसत म्हणलया, “किमान महिन्यातून एकदा आम्ही वैयक्तिकरित्या छोट्या खेड्यांना भेट देऊन विणकरांशी संवाद साधतो. आम्ही त्यांना नवीन डिझाइन्स बद्दल कल्पना देखील देतो. ह्यामुळे त्यांना प्रोत्साहन मिळते नवीन काही करण्याची प्रेरणा मिळते. जेव्हा आपण भारतीय कारागीरांचा सन्मान जपतो तेव्हा आपण स्वतःला मदत करतो. हातमाग केवळ पर्यावरणास अनुकूल नाही; पुनरुज्जीवन ग्रामीण स्थलांतर कमी करते."

प्रख्यात अभिनेत्री शबाना आजमी त्याचे हॅन्डलूम साठी असलेले तीव्र प्रेम व्यक्त करत म्हणतात की, " हॅन्डलूम साठी माझे प्रेम बालपणापासूनच उपजत आहे. आणि माझी आई हि हॅन्डलूम ची संरक्षक होती . मी श्याम बेनेगल यांच्या 'सुस्मान' या बंगाली चित्रपटामध्ये एका विणकाराच्या पत्नीची भूमिका निभावली होती.  त्यावेळी मला या व्यापारातील महिलांची स्थितज कळली आणि पटली होती. महिला विणकरांना सामील करून या प्रक्रियेत सक्षम बनवल्याबद्दल मी श्रद्धाचे मनापासून कौतुक करते.” 

आपल्या चिरतरुण सौंदर्यसाठी प्रसिद्ध अभिनेत्री भाग्यश्री ने तिचे पैठणी बद्दलचे प्रेम व्यक्त करत सांगते की, " माझ्याकडे पैठणी साड्या भरपूर आहेत ज्या माझ्या आईने परिधान केल्या आहेत आणि मला आशा आहे की माझी मुलगी त्या परिधान करेल आणि तिचीही मुलगी एक दिवस अगदी साध्या कारणासाठी त्या परिधान करेल - कारण त्या आश्चर्यकारकपणे सुंदर आहेत! ”

त्यांनी एक अतिशय चांगला मुद्दा येथे मांडला जेव्हा त्या म्हणाल्या, “ह्याप्रकाराच्या सुंदर साड्या दागिन्यांसारख्याच अमूल्य आहेत. ह्या कारणास्तव असे म्हणायला हरकत नाही की अश्या साड्या आपल्या प्रत्येक पिढीला वारसा म्हणून भेट हे पण  योग्य ठरेल. या दोन्ही अभिनेत्रींनी फक्त उत्सव निमित्तच नाही तर ह्यांचा वापर दैनंदिन  जीवनात करावा आणि हा विणकरांच्या आयुष्याला नवी गती देणारा असावा यासाठी आवाहन केले.

ह्या पावसाळ्यात घ्या तुमच्या कानाची विशेष काळजी


पावसामुळे डेंग्यू, मलेरिया, सर्दी आणि कान-दुखणे यांसारख्या आजारांना आपण सहजच बळी पडतो. होय, पण हा वेळ कानाशी निगडित बर्‍याच समस्यांना कारणीभूत आहे.

ऑडिओलॉजिस्ट-स्पीच थेरपिस्ट आणि जोश फाउंडेशनच्या सह-संस्थापक देवांगी दलाल सहमत होत म्हणाल्या, “पावसाळ्यात कानात फंगल संक्रमण होणं खूप सामान्य आहे. अशा प्रकारच्या संसर्गांमुळे वेदनादायक खाज येऊ शकते ज्यात सूती कपड्याच्या आणि इतर तत्सम वस्तूंनी खाजवल्यामुळे हा त्रास वाढतो, ज्यामुळे संक्रमणापेक्षा जास्त नुकसान होते. लक्षात ठेवा की पावसाळ्यातील बुरशीजन्य संसर्ग मशरूमसारखे वाढतात. जर आपल्या कानांना एका दिवसापेक्षा जास्त दिवस खाज आली तर एखाद्या तज्ञाचा सल्ला घ्या. "

आर्द्र हवामानासह हया पावसाळ्यात मुख्य चिंतेचा विषय म्हणजे आपल्यातील रोगप्रतिकारक शक्ती कमजोर करते. देवांगी दलाल सांगतात की, "पावसात संक्रमण अधिक सामान्य होते कारण आपली प्रतिकारशक्ती सर्वात कमकुवत झालेली असते. योग्य खबरदारी घेऊन आपल्या प्रतिकारशक्तीला चालना द्यावी. मुख्य म्हणजे स्वत:च्या शरिराला उबदार ठेवण्यासाठी आणि आपल्यातील रोगप्रतिकारक शक्तीला चालना देण्यासाठी गरम पेयांची ग्रहण करा.”

“कानातले कालवे बद्ध होतात ह्याचे मुख्य कारण आहे,  कानात अडकलेले मेण किंवा पाण्याचे अडकणे हे आपणास कळणे सोपे आहे, विशेषत: या हंगामात सर्व प्रकारच्या वेदनांनी आपल्या कानांचे रक्षण करा आणि वेदना झाल्यास डॉक्टरांना भेट द्या कारण बुरशीजन्य कानाच्या संसर्गामुळे वेदना होतात आणि बरे होण्यासाठी कमीतकमी २१ दिवस लागतात.” असे देवांगी दलाल ह्यांनी सांगितले.

Thursday 22 August 2019

आशा भोसले ने ज़नाइ भोसले और रजिता कुलकर्णी के साथ श्री श्री रवि शंकर का आभार व्यक्त करते हुए गीतों की घोषणा की।

  
 महान गायिका पद्मविभूषण आशा भोसले और उनकी नातिन ज़नाइ भोसले एवं गीतकार रजिता कुलकर्णी के साथ उनके नए गीतों की घोषणा अँधेरी पश्चिम के प्रख्यात पंचम स्टूडियो में की गयी।आध्यात्मिक और मानवतावादी गुरु श्री श्री रविशंकर के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए इनकी रचना की गयी है। इस दौरान दो गानों की घोषणा की गयी, जिनमेंसे एक गाना आशा भोसले ने और दूसरा गाना ज़नाइ ने गाया है।  

 श्री श्री रविशंकर को गानों के बारे में पता है ? यह प्रश्न पूछे जाने पर आशा भोसले ने कहा, "मैंने गुरुदेव से गानों के बारे में अभी तक बात नहीं की है, लेकिन मैं उनसे कई बार मिल चुकी हूं। उनके अन्य सभी अनुयायियों की तरह मैं भी उनकी प्रिय हूँ। ”  इन गांनो को गाने का निर्णय क्यों लिया, यह बताते हुए उन्होने कहा, “सभी गाने रोमांस या प्यार के बारे में नहीं होते हैं, अन्य भावनाएँ भी होती हैं, विशेष रूप से वे जो हमें ईश्वर से जोड़ती हैं। और यह गीत गुरुदेव के प्रति आभार गीत हैं और हमें ईश्वर से भी जोड़ती हैं।” आशा भोसले ने दोनो गानों को संगीतबद्ध भी किया है।

यह पहली बार नहीं है जहाँ ज़नाइ भोसले ने अपनी दादी का गाने में साथ दिया है बल्कि इससे पहले भी कई देशों में उनके साथ कॉन्सर्ट कर चुकी है। ज़नाइ भोसले ने इस गाने के बारे में और अपनी दादी के प्रति प्यार व्यक्त करते हुए कहा, “यह गीत मेरे दिल के बहुत करीब है। हम देशभर में प्रोफेशनली परफॉर्म करते हैं, लेकिन जब हम घर वापस आते हैं, तो मेरी वही दादी बन जाती है जो मेरे लिए मेरे पसंदीदा पकवान बनाती है ... कुछ भी नहीं बदलता है",  युवा प्रतिभावान गायिका ने भी श्री श्री रविशंकर के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहा कि मैं खुदको "सौभाग्यशाली" मानती हूँ की मुझे उनके लिए गाने का मौका मिला।

अध्यात्म के लिए उनके मिलते-जुलते विचार के अलावा, दादी-पोती की जोड़ी ने एक स्नेहपूर्ण बंधन को भी साझा किया हैं। “ज़नाइ  मुझे बिल्कुल परेशान नहीं करती है। वो बहुत स्वादिष्ट खाना बनाती है और मुझे बहुत प्यार से खिलाती भी है। वह हमारी सभ्यता से बड़ी अच्छी तरह से वाकिफ है। हमारे पूरे परिवार को एक साथ बांधती है। सात साल की कोमल आयु से ही ज़नाइ भारतीय शास्त्रीय नृत्य और शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण लेती आयी है और अब  वह पश्चिमी ओपेरा भी गाती है। अभी वास्तव में वो केवल १७ वर्ष की है और अपनी  पढाई के साथ संगीत प्रशिक्षण भी ले रही है। ”

Saturday 17 August 2019

मिसाल मुंबई' उपक्रमांतर्गत वांद्रे येथे आणखीन एका नवीन बालवाडी व कौशल्य केंद्राची स्थापना !


रुबल नागी यांनी आदरणीय मंत्री श्री आशिष शेलार यांच्या सहकार्याने व रुबल नागी आर्ट फाऊंडेशनच्या पुढाकाराने 'मिसाल मुंबई' उपक्रमांतर्गत वांद्रे पश्चिम येथील आणखी एक ईडु-हब (बलवाडी) व कौशल्य केंद्र सुरू केलेले आहे. १६ ऑगस्ट रोजी आदरणीय आशिष शेलार आणि शेखर रवजियानी यांच्या हस्ते या केंद्राचे उदघाटन करण्यात आले. या प्रकल्पाचे उद्दीष्ट महिला आणि तरुणांना व्यावसायिक कौशल्य बांधणी आणि प्लेसमेंट समर्थनाद्वारे आर्थिकदृष्ट्या स्वतंत्र जीवन जगण्यासाठी सक्षम करणे हे आहे. कौशल्य बांधणी आणि रोजगार समर्थनाच्या दिशेने निर्देशित प्रयत्न, प्रशिक्षणार्थी नोकरी मिळवून त्यांना दर्जेदार कामगिरीसह टिकवून ठेवू शकतील. 


'मिसाल मुंबई' उपक्रमांतर्गत यापूर्वी ठाणे, वरळी, कोलाबा, प्रभादेवी, औरंगाबाद, नाशिक, विरार, नालासोपारा, गोवंडी ईडू-हब (बालवाडी) सुरु केले गेले आहे. आता वांद्रे पश्चिम येथील हे नवीन केंद्र अन्य ठिकाणी शालेय पूर्व कार्यक्रम आणि वितरण पद्धती समाविष्ट करेल. झोपडपट्टी, खेड्यातील मुलांसाठी व त्यांच्या कुटुंबियांना लवकरात लवकर मूलभूत कौशल्ये विकसित करण्यासाठी आणि औपचारिक शाळांमध्ये त्यांचे संक्रमण सुलभ करण्यासाठी मदत प्रदान करण्याचा हा एक महत्वाचा मार्ग आहे. डिजिटल इंडिया पुढाकाराच्या विविध घटकांचा वापर करून नागरिकांना माहिती, ज्ञान आणि कौशल्य मिळवून देण्याचे व तरुण उद्योजक तयार करून झोपडपट्टीतील बदलाचे एजंट होणे हे 'मिसाल मुंबई' चे उद्दीष्ट आहे.

“मिसाल मुंबई-इंडिया” हा भारतातील झोपडपट्ट्यांमध्ये आणि खेड्यात राहणाऱ्या लोकांच्या जीवनात बदल घडवून आणणारा उपक्रम आहे

Tuesday 13 August 2019

रोहित वर्मा ने किया आयएसीए २०१९ 'फेस्टिवल ऑफ इंडिया' अटलांटा में भारत का नाम ऊंचा।


इंडियन अमेरिकन कल्चरल एसोसिएशन (IACA), अटलांटा द्वारा आयोजित किए गए २४ वे फेस्टिव्हल ऑफ इंडिया समारोह में, डिजाइनर रोहित वर्मा ने अपने प्रमुख फैशन शो के लिए वाह वाह पायी। महोत्सव के इस संस्करण में रोहित वर्मा द्वारा रनवे पर की प्रस्तुति सफल रही, विशेष रूप से महोत्सव के IACA चेयरपर्सन डॉ. (श्रीमती) पॅडी शर्मा आंतरराष्ट्रीय डिजाइनर रोहित वर्मा के फैशन शो की शुरुआत करने  रनवे पर चली।



आनंदित रोहित वर्मा कहते हैं की, “भगवान कृष्ण ने मुझे जो भी अवसर दिए हैं, उसके लिए मैं उनका सदा आभारी हूं। मैं डॉ. पॅडी शर्मा का शुक्रागुजर हू कि उन्होने मेरी इस फॅशन शो की शुरुआत की और रन वे पर चली, और सच मानो  तो वास्तव में सभी को उन्होने मंत्रमुग्ध कर दिया। ”

रोहित वर्मा २०१९ के इस फेस्टिवल ऑफ इंडिया 'में शो के असली सितारे थे; उन्होंने न केवल अपनी चकाचौंध भरे कलेक्शन दिखाए, बल्कि एक शानदार फैशन शो सादर किया। इस कार्यक्रम के लिए  IACA चेयरपर्सन श्रीमती डॉ पॅडी शर्मा,  श्री एनी अग्निहोत्री और फैशन इवेंट के सह-समन्वयक  किरण अग्निहोत्री भी उपस्थित थी। IACA अटलांटा में भारतीयों का सबसे बड़ा और सबसे पुरानी नफा रहित संस्था है और पिछले २३ वर्षों से वे फेस्टिव्हल ऑफ इंडिया का आयोजन कर रहे हैं।

इस महोत्सव का अध्याय पूरे दिन सांस्कृतिक गतिविधियों से भरा था और अटलांटा के भारतीय वाणिज्य दूतावास एवं स्थानीय राजनेता इतना ही नही, जॉर्जिया के ३००० से अधिक लोग यहां उपस्थित थे।रोहित वर्मा ने किया आयएसीए २०१९ 'फेस्टिवल ऑफ इंडिया' अटलांटा में भारत का नाम ऊंचा।

इंडियन अमेरिकन कल्चरल एसोसिएशन (IACA), अटलांटा द्वारा आयोजित किए गए २४ वे फेस्टिव्हल ऑफ इंडिया समारोह में, डिजाइनर रोहित वर्मा ने अपने प्रमुख फैशन शो के लिए वाह वाह पायी। महोत्सव के इस संस्करण में रोहित वर्मा द्वारा रनवे पर की प्रस्तुति सफल रही, विशेष रूप से महोत्सव के IACA चेयरपर्सन डॉ. (श्रीमती) पॅडी शर्मा आंतरराष्ट्रीय डिजाइनर रोहित वर्मा के फैशन शो की शुरुआत करने  रनवे पर चली।


आनंदित रोहित वर्मा कहते हैं की, “भगवान कृष्ण ने मुझे जो भी अवसर दिए हैं, उसके लिए मैं उनका सदा आभारी हूं। मैं डॉ. पॅडी शर्मा का शुक्रागुजर हू कि उन्होने मेरी इस फॅशन शो की शुरुआत की और रन वे पर चली, और सच मानो  तो वास्तव में सभी को उन्होने मंत्रमुग्ध कर दिया। ”

रोहित वर्मा २०१९ के इस फेस्टिवल ऑफ इंडिया 'में शो के असली सितारे थे; उन्होंने न केवल अपनी चकाचौंध भरे कलेक्शन दिखाए, बल्कि एक शानदार फैशन शो सादर किया। इस कार्यक्रम के लिए  IACA चेयरपर्सन श्रीमती डॉ पॅडी शर्मा,  श्री एनी अग्निहोत्री और फैशन इवेंट के सह-समन्वयक  किरण अग्निहोत्री भी उपस्थित थी। IACA अटलांटा में भारतीयों का सबसे बड़ा और सबसे पुरानी नफा रहित संस्था है और पिछले २३ वर्षों से वे फेस्टिव्हल ऑफ इंडिया का आयोजन कर रहे हैं।

इस महोत्सव का अध्याय पूरे दिन सांस्कृतिक गतिविधियों से भरा था और अटलांटा के भारतीय वाणिज्य दूतावास एवं स्थानीय राजनेता इतना ही नही, जॉर्जिया के ३००० से अधिक लोग यहां उपस्थित थे।

Monday 12 August 2019

राजीव स रुईया दिग्दर्शित आणि निर्माता रविंदर जीत दारिया यांच्या मुश्किल - फियर बिहाइंड यु च्या प्रीमियर प्रसंगी आदित्य रॉय कपूर व सिद्धार्थ रॉय कपूर यांनी भाऊ कुणाल रॉय कपूरच्या कामाचे केले भरपूर कौतुक!



निर्माता सिद्धार्थ रॉय कपूर आणि युवांमधील हार्टथ्रोब आदित्य रॉय कपूर त्यांचे आई-वडिल सलोम आणि पिता रॉय कपूर यांसमवेत कुणालची पत्नी शायंती यांच्यासह कुणालच्या पहिल्या रोमँटिक चित्रपटाच्या प्रीमिरला उपस्थित होते. प्रथमच कुणालने पार पाडलेली लव्हरबॉयची भूमिका पाहण्यास खास करून दोन्ही भाऊ अभिमानाने कुणाल आणि कुटुंबासमवेत चित्रपटाच्या प्रीमियर ला आले होते आणि हे एक आदर्श कुटुंबाचे उदाहरण मांडत होते. 

कुणाल रॉय कपूर म्हणतात की, “माझे कुटुंब माझ्यासाठी नेहमीच सहाय्यक होते परंतु ते चांगले समीक्षक देखील आहेत. पण मला आनंद आहे की आम्ही एकत्र हा चित्रपट पाहिला आणि त्यांना तो आवडला! ज्या लोकांना भयपट आवडतात त्यांनी नक्कीच मुश्किल पाहायला हवा.”

कुणालची आई सलोम त्यांना शेवट फारचं आवडला असल्याचे व्यक्त केले तर, त्याची पत्नी शायंती यांना कुणालचा रोमँटिक अंदाज आवडलेला असून “मी खरंतर भयपट प्रकारामुळे घाबरले पण मला चित्रपटाची कथा खूप आवडली.” असल्याचे सांगितले.

प्रीमियर प्रसंगी कुणाल यांच्या आई-वडील, पत्नी व भावांच्या चेहऱ्यावरील ओसंडून वाहणारा आनंद आणि अभिमान पाहण्यास मिळाला. आपला लहान भाऊ आदित्य रॉय कपूर निपुण असलेल्या रोमँटिक भूमिका साकारण्याच्या प्रांतात प्रवेश ठरणारा 'मुश्किल-फियर बिहाईंड यु' हा प्रथमच चित्रपट आहे. त्यांची व्यस्त दिनचर्या विचारात घेतल्यास, कदाचित त्या तीन भावांना एकत्र भेटविणे ‘मुश्किल’ असेल असे एखाद्याला वाटेल, पण प्रेमामुळे काहीही शक्य होते!

Friday 9 August 2019

"जन्मदिवस की बधाइयाँ सुलक्षणा, आपको अभी गोद लिया गया है," आनंद महेंद्रू, पापोन, शेखर सुमन, इस्माइल दरबार ने सबके सामने यह घोषणा की।



यह अक्सर नहीं होता है कि 28 वर्षीय बच्चे अपने जन्मदिन के केक को काटते समय अपने आंसू बहाये। लेकिन अगर आप सुलक्षणा हैं, और 28 साल में अपना पहला जन्मदिन मना रही हैं, वो भी 80 लोगों के परिवार और दोस्तों  के बीच तो आप यकीनन खुशी के आंसू बह ही जाएंगे ।  80 परिवार के सदस्यों ने आपका ध्यान आकर्षित किया होगा ना? हम जिन सदस्यों का उल्लेख कर रहे हैं, वे अनाथ बच्चे हैं जो उन्ही में से एक बच्ची का जन्म दिन का जश्न मनाने के लिए इकठ्ठा हुए थे ।

बच्ची का जन्मदिन समारोह में आनंद महेन्द्रू, शेखर सुमन, पापोन, इस्माइल दरबार, श्रीकांत भारतीय जैसे नामचीन व्यक्ती उपस्थित थे और यह संभव हुआ एक खूबसूरत जोड़ी सारीका गगन और गगन महोत्रा की वजह से । 

सुलक्षणा  ने अपनी खुशी को व्यक्त करते हुए कहा, "मैं वास्तव में इस क्षण से बहुत अभिभूत हूँ। मुझे और मेरी बहन को एक चिठ्ठी के साथ  बचपन में ही छोड दिया था, ऊस चिट्ठी में केवल हमारा नाम और जन्मदिन की तारिखे लिखी थी।  28 साल में मेरा जन्मदिन पहली बार मनाया गया है ।"

सुलक्षणा ने आज अपने जीवन को अपने जैसे अनाथ बच्चों के लिए समर्पित कर दिया है जो बड़े होने पर अनाथालयों से बाहर आते हैं कई बार सड़कों पर भीख मांगने के लिए मजबूर हो जाते हैं, सुलक्षणा उनकी मदद करती है लेकिन उसे उम्मीद नहीं थी कि 28 साल की उम्र में, उसे युवा दंपति सारिका और गगन महोत्रा द्वारा अपनाया जाएगा और जीवनभर के लिए उसका हाथ थामने का वादा किया । 

"ये काफी ख़ुशी की बात लगती है," अति भावुक सुलक्षणा ने अपनी भावना व्यक्त की। सारिका और गगन महोत्रा ने कहा, "हमने वही किया जो हमें ठीक लगा  हमारे इस फैसल में कुछ भी असाधारण नही है। हमने बस हमारे दिल कि बात समझी और यह किया।" 

फिल्म निर्माता आनंद महेंद्रू अपनी भावनाओं को साझा करने के लिए न केवल अंधेरी के अपने चंपक स्टूडियो को इस कार्यक्रम के लिये खोल दिया, बल्कि अपने दोस्तों को भी बच्चों के साथ जुड़ने और उनका स्वागत करने के लिए आमंत्रित भी किया। भावुक आनंद महेंद्रू कहते हैं, "यह बहुत सुंदर लगता है जब  इस तरह की पहल की जाये और इस कंक्रीट के जंगल में एक प्यार भरा घर बन जाये है । ऐसी और पहल होनी चाहिए और हम सभी को तहे दिल से भाग लेना चाहिए।" शेखर सुमन, पापोन, श्रीकांत भारतीय और इस्माइल दरबार, जिन्होने इस बातचीत के दौरान समर्थन दिया।

Wednesday 7 August 2019

अभिनेता रजनीश दुग्गल, नाज़िया हुसैन और पूजा बिष्ट, निर्देशक राजीव एस रुईया समेत निर्माता रविंदर जीत दारिया ने पुरे जोश के साथ किया फिल्म मुश्किल का प्रोमोशन।


अभिनेता रजनीश दुग्गल, नाज़िया हुसैन और पूजा बिष्ट, दिग्दर्शक राजीव एस रुईया सहित निर्माता रविंदर जीत दारिया ने अंधेरी पश्चिम में स्थित मशहूर  बॉम्बे कॉकटेल बार में  मुश्किल - फियर बिहाइंड यु का प्रमोशन किया । यह फील्म देशभर में ९ ऑगस्ट २०१९ को प्रदर्शित होगी।

  इस फिल्म का चित्रीकरण मनमोहक जगह पर किया गया हैं ।  बिग बैट फिल्म्स बैनर के तहत बनी यह फिल्म मुश्किल - फियर बिहाइंड यु चार दोस्तों की कहानी हैं जो एक महल में प्रवेश करते हैं जहाँ प्रवेश निषेध है। इसके बाद उनके साथ क्या होता है ये इस फिल्म कि कहानी है। इस फिल्म का  निर्देशन राजीव एस रुईया ने किया है और निर्माता रविंदर जीत दारिया हैं ।  मुश्किल फिल्म की यह कहानी साबित करती है कि बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत होती है।


Monday 5 August 2019

डॉ. अनिल काशी मुरारका ने एम्पल मिशन संस्था की और से एक अनुठी मुहीम चलाई।

डॉ. अनिल काशी मुरारका ने  एम्पल मिशन संस्था की और से  एक अनुठी मुहीम चलाई।  जनसामान्य लोगों के बीच तंबाकू के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता फैलाना इस मुहीम का मकसद था। अनिल काशी मुरारका और उनकी  टीम के सदस्य  इस मुहीम  को यशस्वी बनाने के लिये मुंबई की सड़कों  पर उतरे, अलग अलग लोगो से मिले, उनके साथ बातचीत की , उन लोगों के जीवन के विभिन्न पहलुओं को जानने की  कोशिश की और अंत में उन्होंने विनम्रतापूर्वक उनसे धूम्रपान छोड़ने और तंबाकू उत्पादों का उपयोग करने से बचने का अनुरोध किया।

डॉ. अनिल काशी मुरारका ने कहा, “भारत में तंबाकू का उपयोग एक गंभीर समस्या है। शिक्षा का अभाव और उचित मार्गदर्शन की कमी, सहकारी दबाव और बच्चों में  गलतफहमी, तनाव और अन्य तम्बाकू उत्पादों और विज्ञापनो से  नए  लोग तंबाकू के उपयोग के लिए आकर्षित होते हैं ।और कई वर्षों से उनके उपभोग और दुरुपयोग में लगातार वृद्धि हो रही है । मुझे लगता है कि लोगों को शिक्षित करने का मतलब है कि वे स्वयं खुद की मदद कर सकते हैं

Ashish Shelar unveils Sangeeta Babani’s ‘Joyful Moments’, An Art Installation At Otters Club in the presence of Preeti Jhangiani, Jaswinder Singh, Swapna Mhatre, Vikram Rao, Samir and Dipalee Date


Sangeeta Babani, a distinguished artist also known for her art on cars, has conceptualized and created a unique mixed media 10 feet by 5 feet artwork. The said artwork, aptly titled ‘Joyful Moments’, was completed in a short span of just 3 months! Sangeeta has used various mediums in the said artwork, including wood, metal, sculpture paste et al, depicting the goings-on of the Otters Club.

With two inch moulded frames, Sangeeta Babani’s exhibit has been installed on the 1st Floor of Otters Club, the area catering to the most elite crowd of Bandra! The painting was unveiled over high tea with esteemed guests from different walks from life. Besides Chief Guest Hon’ble Minister for School Education, Sports & Youth Welfare of Maharashtra Ashish Shelar, Corporator Swapna Mhatre, Actor Preeti Jhangiani, Ghazal singers Jaswinder Singh, Samir and Dipalee Date, Vikram Rao, Akshay and poet Chand were spotted at the exquisite art affair.

Artist Sangeeta Babani, raised in Spain and settled in Mumbai, has studied Arts in Spain, a country rich in art and culture. Being a proud Indian, the immense cultural diversity of India is naturally ingrained in her and has influenced her immensely! “With this art installation, I aim to encourage the younger lot to follow their creativity and passion,” she avers.

समाजसेवक डॉ. अनिल काशी मुरारका यांना प्रतिष्ठित 'भारत गौरव पुरस्कार २०१९' प्राप्त



समाजसेवक डॉ. अनिल काशी मुरारका यांना नुकतेच लंडन मध्ये २०१९ चा भारत गौरव पुरस्कार देऊन सन्मानित करण्यात आले आहे. हा पुरस्कार सोहळा हाऊस ऑफ कॉमन येथे पार पडला असून त्यांना त्यांच्या देशाची उत्कृष्ट सेवा करण्याबद्दल आणि उत्कृष्ट वैयक्तिक यशासाठी सन्मानित करण्यात आले.

डॉ. अनिल कशी मुरारका  नेहमीच आपल्या मनाचे ऐकत, आपल्या देशात कोणत्याही प्रसिद्धी शिवाय समाजसेवा क्षेत्रात निरंतर कार्यरत आहेत. ते सांगतात की, "जेव्हा एखाद्या व्यक्तीला त्याच्या कार्यासाठी विशेषतः आंतरराष्ट्रीय व्यासपीठावर सन्मानित केले जाते तेव्हा तो आनंद, तो सन्मान वेगळाच वाटतो."

२०१५ मध्ये डॉ. अनिल काशी मुरारका यांनी समाजात सकारात्मक बदल घडवून आणण्यासाठी  सामाजिक जागरूकता संस्था अँपल मिशनची  स्थापना केली. त्यांच्या काही अलीकडील मोहिमांमध्ये आदिवासी महिलांना सॅनिटरी पॅडचे वितरण करणे, अ‍ॅसिड हल्ला वाचलेल्यांना मदत करणे; दिव्यांग विद्यार्थ्यांसाठी स्पोर्ट्स डे आयोजन; उन्हाळ्याच्या उष्णतेपासून थोडासा आराम मिळावा यासाठी स्टेशन जवळ प्रवास करण्याऱ्या प्रवाश्यांना टोप्या, लिंबू पाणी वितरित करणे, मालवणी येथील झील इंग्लिश शाळेच्या विद्यार्थ्यांना ग्रंथालयासाठी पुस्तके भेट देणे असे निरनिराळे उपक्रमांचा समावेश आहे.

'भारत गौरव पुरस्कार २०१९' हा प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त झाल्याबद्दल डॉ. अनिल काशी मुरारका सांगतात की, "पुरस्कारापेक्षाही जास्त, समाजासाठी आपण जे कार्य करत आहोत त्यासाठी हा पुरस्कार स्वीकारल्याबद्दलची भावना ही अमूल्य आहे! मी जे करतो ते पाहून अजून काही लोक निःस्वार्थपणे योगदान देण्यास पुढे आले तर मी माझ्या मोहिमेत यशस्वी झालो असे मानतो."

Friday 2 August 2019

Dhvani Parag Dalal, daughter of Audiologist-Speech Therapist Devangi Dalal, is representing India in the International Folk Dance Competition held at Istanbul, Turkey. Participating in the International Culture & Art festivities where dancers from over 28 countries are participating, Dhvani has made India proud. Kudos to her!

Thursday 1 August 2019

Audiologist-Speech Therapist Devangi Dalal featured in Sarita


Rekha Chaudhari Awarded Philosophiae Doctor Honoris Causa by Sorbon University, France


With skin being in following the boom in the beauty business, it’s only natural that beauty & wellness champions get their moment in the sun!
In this case, MD - Oneline Wellness Pvt. Ltd., and Queen of Spas and the wellness industry, Rekha Chaudhari was recently felicitated with the Philosophiae Doctor Honoris Causa honour at the 5th Sorbon International Convocation held at the India Habitat Centre, New Delhi. Organised by Dr John Thomas Prade from Sorbon University, France, in conjunction with the IIPPT Foundation India, Rekha Chaudhari was honoured in the field of Health & Wellness at the conclave. 


An elated Global Wellness Ambassador Dr Rekha Chaudhari reveals, “Twenty- five years ago, when I came to the city to pursue a career in the field of beauty, times were tough and it was the same when I transitioned into the spa & wellness space. I just kept working hard as the road to success is seldom smooth.”

Global wellness Ambassador Dr.Rekha Chaudhari continues, “I am glad I got the opportunity to associate with award-winning European skincare and SPA  brands such as Rémy Laure, Phytomer, ASP and B.LAB. Also got honoured with many prestigious organisations worldwide to explore and work in the wellness industry last decade. 

Be it setting up the high-end luxury Spa across the world and having Own popular Caressaa Day Spa  Juhu or my various patented treatments such as the Geo Thermo Therapy and Rope Massage Therapy, they have all found their niche following. We have also successfully  trained   Tribal youth in beauty & wellness capacities in our various village schools  and successfully transformed there life by offering them jobs in the cities Spa and Salons .” It’s all these activities that lead to another laurel in her cap!

She affirms, “I am grateful to Dr. John Thomas Prade from Sorbon University, France, for conferring this prestigious honour on me! It feels nice to be recognised for your contributions in your chosen vocation.”